#57 एहसास

#57 एहसास

  • Mar 30, 2020

लफ्जों का दौर बीत गया, रह गया एहसास, छोंड भविष्य की अविरल चिन्ता, और करिये इक एहसास । बिना धूल की धूप का, बिन पहिए की रोड का, बिना आफिस के बास का, करिये इक एहसास । बिना रेस्ट्राँ खानो का, बिना फास्टफूड दुकानों का, व बिना हाल हालातों का , करिये इक एहसास । […]

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#3-बखानी-एक परिचय

Bakhani Introduction Bakhani बखानी संग्रह उन बातों का, जिन बातों को सब जानते हैं, अच्छा बुरा पहचानते हैं, फिर भी बातें नहीं मानते हैं। सुननेे में अच्छी लगती हैं, अनुसरण करनें को लगती हैं, पर देख जमाना करते हैं, दिल की करनें में डरते हैं। डरते हैं “वो क्या कहेंगे”, अपने दिल की कब करेंगे […]

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