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Month: May 2020

primeministers

1
Jawaharlal Nehru

कार्यकाल

15 अगस्त 1947
से
15 अप्रैल 1952

15 अप्रैल 1952
से
17 अप्रैल 1957

17 अप्रैल 1957
से
2 अप्रैल 1962

2 अप्रैल 1962
से
27 मई 1964

16 वर्ष 286 दिन

Gulzarilal Nanda
गुलजारीलाल नन्दा (कार्यवाहक)
(1898–1998)

कार्यकाल

27 मई 1964
से
09 जून 1964

13 दिन

Lal Bahadur Shastri

कार्यकाल

09 जून 1964
से
11 जनवरी 1966

01वर्ष 2016 दिन

-
Gulzarilal Nanda
गुलजारी लाल नन्दा (कार्यवाहक) (1898–1998)

कार्यकाल

11 जनवरी 1966
से
24 जनवरी 1966

13 दिन

3

कार्यकाल

24 जनवरी 1966
से
04 मार्च 1967

04 मार्च 1967
से
15 मार्च 1971

15 मार्च 1971
से
24 मार्च 1977

11 वर्ष 59 दिन

Morarji Desai

कार्यकाल

24 मार्च 1977
से
28 जुलाई 1979

02 वर्ष 126 दिन

5
Charan Singh
Charan Singh (1902–1987)

कार्यकाल

28 जुलाई 1979
से
14 जनवरी 1980

170 दिन

(3)
Indira Gandhi

कार्यकाल

14 जनवरी 1980
से
31 अक्टूबर 1984

4 वर्ष 291 दिन

6
Rajiv Gandhi

कार्यकाल

31 अक्टूबर 1984
से
31 दिसम्बर 1984

31 दिसम्बर 1984
से
02 दिसम्बर 1989

05 वर्ष 32 दिन

7
V.P. Singh

कार्यकाल

02 दिसम्बर 1989
से
10 नवम्बर 1990

343 दिन

8
Chandra Shekhar
Chandra Shekhar (1927–2007)

कार्यकाल

10 नवम्बर 1990
से
21 जून 1991

223 दिन

9
P.V. Narasimha Rao
P. V. Narasimha Rao (1921–2004)

कार्यकाल

21 जून 1991
से
16 मई 1996

4 वर्ष 330 दिन

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee (1924–2018)

कार्यकाल

16 मई 1991
से
1 जून 1996

16 दिन

11
H.D. Deve Gowda

कार्यकाल

1 जून 1996
से
21 अप्रैल 1997

324 दिन

12
I.K. Gujral
Inder Kumar Gujral (1919–2012)

कार्यकाल

11 अप्रैल 1997
से
19 मार्च 1998

332 दिन

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee (1924–2018)

कार्यकाल

19 मार्च 1998
से
10 अक्टूबर 1999

10 अक्टूबर 1999
से
22 मई 2004

06 वर्ष 64 दिन

13

कार्यकाल

22 मई 2004
से
22 मई 2009

22 मई 2009
से
26 मई 2014

10 वर्ष 4 दिन

Narendra Modi
Narendra Modi (1950–)

कार्यकाल

26 मई 2014
से
30 मई 2019

30 मई 2019
से
लगातार

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Who discovered INDIA-भारत की खोज किसनें की ?

Discovery of India

इटली के नाविक क्रिस्टोफर कोलम्बस नें सुनी हुई बातों के आधार पर अपनी यात्रा आरम्भ की तथा अटलांटिक महासागर में भटक कर अमेरिका पहुंच गए । ऐसा कहा जाता है कि कोलम्बस भारत की खोज को निकले थे परन्तु गलती से अमेरिका महाद्वीप की खोज कर ली । तथा वहाँ पहुंच कर वहाँ के निवासियों को रेड इंण्डियंस कहा । कोलम्बस की यात्रा के 5 वर्षों के बाद पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा नें यात्रा आरम्भ की, तथा 20 मई 1498 को भारत के कालीकट तट पहुँच कर दुनिया को भारत भूभाग के बारे में जानकारी दी। तभी कहा जाता है भारत की खोज वास्कोडिगामा नें की ।

कितना तर्कसंगत है यह प्रश्न और इस प्रश्न का उत्तर?

भारत देश के नाम में अपने आप में एक अस्तित्व विद्यमान है । किसी भी विद्यार्थी को उसकी प्रारम्भिक शिक्षा के दौरान जबकि वह इतिहास का अध्ययन आरम्भ की करता है यह पढाया जाता है कि  भारत की खोज वास्कोडिगामा नें की । परन्तु प्रथम तो यह प्रश्न कि “भारत की खोज किसनें और कब की” तथा इसका उत्तर “भारत की खोज वास्कोडिगामा नें 20 मई 1498 में की ।” कितना तर्कसंगत है ? भारत के प्रामाणित इतिहास में गुप्त वंश, चोल वंश, पर क्या यह इतिहास सही है ?
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#60 कोरोना से क्या सीखे हम ?

जब से जग में कोरोना महामारी आई,

सारे जग में खूब तबाही मचाई,
जन जन त्रस्त घरों में कैद,
कोरोना वारियर्स लडने को मुस्तैद,
हर हाल जन जन लड रहा है,
रह दूर अपने नित्य जीवन से,
अपने घरों में रह रहा है ।

सल्यूट कोरोना वारियर्स को,
तज घर परिवार ड्यूटी अपनी कर रहे हैं,
सारे जग की चिन्ता उनको,
निज जीवन को नहीं डर रहे हैं,
कोरोना दुश्मन नहीं ऐसा जिसे मजहब से बैर,
जन जो जद में आया या आ जाए,
नहीं समझो उसकी खैर ।

इतना आगे निकल जो आए,
जग सकल दृढ संदेशा पहुंचाएं,
कोरोना को हारना ही होगा,
अपने लिए अपने परिवार के लिए,
अपने देश के लिए अपने संसार के लिए,
कर बल छल चाहे जैसे सबको मिलकर,
कोरोना को मारना ही होगा ।

रह इतने दिन घरों में,
सबने कुछ तो सोंचा होगा,
क्या करना था क्या करते थे,
यह सब तो सोंचा होगा,
भाग दौड भरी जिंदगी में,
किसको नुकसान पहुंचा रहे थे पर,
जब जग खुलेगा क्या करना कैसे करना ये तो सोंचा होगा !

गावों से इतर शहर शहर में,
कितना गन्दा कर रखा था प्रकृति को,
आज एकान्त पाकर प्रकृति नें,
जन जन को बतलाया है दिखलाया है,
दावे कितना भी हम कर लें,
स्वच्छ प्रकृति हम कर लेंगे पर,
प्रकृति की ऐसी शुद्धता जीवन में सायद ही देखी होगी ।

हवा स्वच्छ और स्वच्छ नीर है,
रज नद कूट वृक्ष प्रकृति का जंजीर है,
निज स्वारथ हम जन मानस,
जंजीर को हर दम तोड रहे थे,
परे जीवन के सच्चे मूल्यों से,
सब पैसों में हम तोल रहे थे,
पर अब भी हम जन मानस ने जीवन मूल्य क्या समझा होगा !

है जीत की बखानी यह,

इक दिन सारा संसार खुलेगा,
मंदिर के पट खुलेंगे चर्च व मस्जिद खुलेंगे,
खुलेगा गुरुद्वारा इस जग में रब का हर दरवार खुलेगा,
मन की आस्था मन में जिंदा है,
जिंदा है आदर सम्मान की भाषा,
इस जग में जिंदा है इंसान की यही परिभाषा ।

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Hindi poems What we learn with corona virus.It is an infection disease WHO (World health Organization  named COVID 19. Besides What we learn with corona a hindi poems expressing the thoughts.


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