#48 दीवाली

  • Oct 26, 2019

अरे ओ आई.टी. डेवलपर देश के ! कर दो डेवलप ऐप नया, चौगुनी हो जाए खुशहाली, बिना पटाखोंं बिना शोर के प्रकृति सुरक्षित हो दीवाली। सुप्रीमकोर्ट का फैसला है, पटाखे शोर बहुत करते हैं, प्रकृति प्रदूषण फैलाते हैंं, लोग घायल होनें से नहीं डरते हैं, प्रकृति बचाओ देश बचाओ, बचाओ घर घर का पैसा, त्योहार […]

Read More

कटी पतंग सी कहानी मेरी! न ठौर है न ठिकाना रुकने का, हवा के झोंके से इधर-उधर हो जाए, बीत गए बचपन के वो दिन, देखते भटकते बीतती जवानी मेरी, कटी पतंग सी कहानी मेरी । हवा का रुख अख्तियार किए, अपनाए अपनी अच्छी बुरी किस्मत को, ढूंढते हुए यूँ हि मन की चाह अपनी, […]

Read More
#46 पुष्प और मोहब्बत

पुष्प पर बेरहमी दिखा कर, चल दिये इश्क का इजहार करने, कम्बख्त इश्क बरकरार रखने को, चल दिये पु्ष्प बेकार करनें । क्या कभी तूनें कहीं पर, बेरहमी से प्यार पाया है, पुष्प पर बेरहमी दिखा कर, क्यों किसी से प्यार जताया है। जो पुष्प सी नाजुक प्रकृति पर, यूंँ बेरहमी दिखाएगा, सोंच कैसे लिया […]

Read More

Get 30% off your first purchase

X