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Month: September 2019

#45-आओ चलें प्रकृति की ओर

आओ चलें प्रकृति की ओर।
करें दोस्ती इस प्रकृति से,
बनें सुदृढ और बनें निरोग,
शील बन्द और प्लास्टिक बोतल,
करना बंद करें प्रयोग,
देह हमारी खुद ही सक्षम,
लड लेगी उन रोगों से नित,
औषधि रसायन खाद्य रसायन
पेय रसायन से दूरी बन,
प्रकृति सुहानी राह निहारे,
बन सक्षम पकडें वह डोर,
आओ चलें प्रकृति की ओर।

प्रकृति हमारी राह बनाये,
राह दिखाये खुद राही बन,
जीत अकेला समझाए खुद,
बन हमदम चले हर पल संग,
प्रकृति को समझो खुद समझाए,
आगे चलते हांथ बढाए,
वसुधैव कुटुम्बकम सदा हंसो का
यह हमको पाठ पढाए,
संग चलेंसब संग हंसें सब,
एक धरा फैली सब ओर,
आओ चलें प्रकृति की ओर ।


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Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita

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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

प्रकृति की ओर चलें Hindi poem lets move towards nature

इस हिंदी कविता के माध्यम से जागरूक करनें का एक प्रयास किया गया है। जागरूकता का महज एक ही उद्येश्य है प्रकृति की सुरक्षा तथा प्रकृत सहायक कार्य। प्रकृति को नुकशान पहुँचाने वाले कारकों को खोज कर उन्हें प्रयोग में लानें से परहेज रखना चाहिए इससे प्रकृति के समग्र विकास में सहायता प्राप्त होती है।  प्रकृति है तो इंसान है। यदि प्रकृति का दोहन इसी प्रकार होता रहा तो एक दिन दुनिया में जीवन पर गहरा संकट छा जाएगा।

Hindi Poem on nature

Poem on nature in hindi explains the way we can easily survive and maintain the nature. It shows how we can care the nature and our health.

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#44-हिन्दी में भी जीवन दिखता है

वर्तमान जो मैं अगर देखूँ ,
तो हिंदी में भी जीवन दिखता है,
भविष्य को सोचता हुँ  जानो,
पश्चिम का आगम दिखता है,
यूँ दिखती है हिंदी गर्त में आगे,
बहन भी इससे ऊँची दिखती,
राजनीतिक स्तर  अब तय कर रहा,
देख हिंदी सुबकती-सुसकती,
झांक कर देखो अपना भूत ऐ दोस्तों,
भाषा विकास क्रम दिखता है,
जाने किस दिशा में यूँ विकास क्रम चल रहा,
निश्चित उज्जवल भविष्य में अंधकार दिखता है,
वर्तमान जो मैं अगर देखूँ ,
तो हिंदी में भी जीवन दिखता है।

 


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Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita

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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

हिन्दी और जीवन पर आधारित यह हिन्दी कविता भारतीय समाज के लिए एक प्रतिविम्ब होने का प्रयास है।

हिन्दी भाषी बहुलता वाले समाज के निहित देश में हिन्दी भाषा और जीवन की व्यथा-

इस हिन्दी कविता के माध्यम से हिन्दी की दशा को दर्शाने का प्रयास किया गया है। भारत देश अनेकता में एकता का प्रतीक है। जन समुदाय व क्षेत्र के विषय में कहा गया है यहाँ खेत खेत में माटी बदले 4 कोश में पानी, कोई कुछ न कह सके जाने कब बदल जाए बानी । 

Hindi and Life

A hindi poem on Hindi and life is specially focused on hindi divas, 14 september. This is a hindi poem on hindi divas 14 september.

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#43-कानून और मजबूरी

भाई गड्ढे से बाहर बाद में आना।


पहले बिना हेलमेट गाडी,
चलाने का चुकाओ जुर्माना,
सडक में हैं ढेर गड्ढे,
तो भला हम क्या करें,
जुर्माने से बचनें का कोई,
नहीं चलेगा कोई बहाना ।


सडक निर्माण कार्य नहीं,
हमारे अधीन फिर भी,
बदहाल सडक की बात,
बाद में सरकार को बताना ।


सुननें का नहीं अधिकार,
हमें कोई बात तुम्हारी,
करनें दो पूरी अपनी ड्यूटी,
फिर अपनी बात सुनाना,
भाई गड्ढे से बाहर बाद में आना ।

 


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देश की सडकों की खस्ताहाल और परेशान जनता व ऊपर से नये नये कानून

Poem on law and helplessness

इस हिन्दी कविता के माध्यम से देश के बदलते माहौल में राजनैतिक वैचारिक प्रतिद्वन्दता के आधार पर खस्ताहाल सडकों व उन पर परेशान जनता का हाल एक व्यंग के माध्यम से प्रकट करनें का एक प्रयास किया गया है। देश में नये नये ट्रैफिक नियम लागू किये जा रहे हैं विभिन्न प्रकार के देयताएं तय की जा रही हैं परन्तु देश में खश्ताहाल हो चुकी सडकों पर ध्यान देने की ओर अग्रसर नहीं है । इसी पर आधारित एक व्यंग रचना।

Hindi Poem on Law in INDIA

Poem on law and citizen helplessness in hindi is a poem expressing the thoughts about the khastahaal sadak (breaked roads) and pareshan citizen.

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#42-हैलो!

हैलो हैलो कह कर के,
दुनिया में सबसे पिछे थे,
अब बोलो बोलो कह कर के,
दुनिया को पीछे छोड रहे ।
बन बुधिया कभी मिल्खा,
कभी सचिन रिकार्ड तोड रहे,
कभी बन कर के देश भक्त,
देश द्रोही को हम फोड रहे ।

जय माहिस्मति जय माहिस्मती
हर ओर अब हम बोल रहै,
महिन्दर और अमरिन्दर
भल्लाल से आगे डोल रहे,
जो सच्चा वह मर जाता
झूठा राज सुख भोग रहे,
अन्त भले जीते सच्चाई
पर सच देखो झोल रहे ।

 


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Poem in hindi

Hindi poem on hello.

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Hindi Poem on Hello World is saying Hello to INDIA

This Hindi Poem explains that World is saying Hello to INDIA now and following on each and every moment. This is a proud feeling moment. But by the word chosen here awakes a little bit of comic sense in the poem in hindi. Hindi Poem on Hello India is a deshbhakti poem in hindi

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