hindi poems #59 नाद Akhilesh ShuklaApril 10, 2020May 31, 2020 प्रेयसी के कंगन, भौरों की गुंजन, कोयलों की कुंजन, खिला हुआ उपवन, हर्षित हुआ ये मन, नदियों की कल-कल, बच्चों…
hindi poems #57 एहसास Akhilesh ShuklaMarch 30, 2020May 31, 2020 लफ्जों का दौर बीत गया, रह गया एहसास, छोंड भविष्य की अविरल चिन्ता, और करिये इक एहसास । बिना धूल…