BAKHANI दिल की आवाज और कलम
Tulsi Janmotsav (Tulsidas) गोस्वामी तुलसीदास जी की जीवनी के कुछ अंश पर आधारित एक छंद बद्ध रचना।
आत्मज आत्मा हुलसी के थे, ये नाथ रत्नावली के थे।
जन्मे कालिंदी के तट पर, शिक्षा पायी सरयू तट पर।।
नाम रामबोला मिला, गुरु सरयू तट लाय।
राम कथा गुरुमुख श्रवण, मय गुरु सोरो आय।।
आए काशी सुरसरि तट पर, गहन अध्ययन गूढ़ मनन पर।
गए प्रेम में दरश कुटीरा, प्राणपियारी प्रेम अधीरा।।
हाड मास कह पोटली, हृदय लगाया घात।
कटु सत्य पर मनन तुरत, मन जागा वैराग।
मन जागा वैराग, सीधे प्रयाग को आए।
भक्ती करी अनंत, हनुमत चित्रकूट पाए।
जीता मन विश्वास, श्रीप्रभु सम्मुख आए।
घस चंदन घाट तट, रघुवीर तिलक लगाएं।।
रामचरित का गान रच, किया सकल उद्धार ।
हे तुलसी साहित्य हित, उतरो बारंबार ।।
तुलसी जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में दोहा, चौपाई एवं कुण्डलिया छन्द का प्रयोग करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी की जीवनी के कुछ अंश पर आधारित छंद रचना।
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Jitendra Kumar Namdeo- जितेन्द्र कुमार नामदेव
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ऐ चाँद तुझे
खोजा है हर दम
दिल नें मेरे
इक आश सी जगी
जब चांदनी दिखी।।
मन पीछे है
खोज में हरदम
जग वैरी है
छुपाऊँ हर गम
मुस्काता हूँ वेदम।
परंपरा है
तन्हाई से लड़ लें
पैर की बेड़ी
बन कर दुनिया
बढाती है दूरियां।
चांदनी छिपी
मन में तनहाई
दिल में छूरा
मारती हर दम
चाँद कहीं दफ़न।
ताँका — इस शब्द का अर्थ है ‘‘लघु गीत’’। यह जापान की पुरानी विधा है । इसमें 5+7+5+7+7 वर्णों का क्रम होता है ताँका में मात्र 5 चरण होते हैं आधे अक्षरों की गिनती नहीं होती…
इस विधा की अधिक जानकारी के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक कर विधा का विवरण व विधा में कविता लिखनें के नियमों को जरूर पढें। हिंदी साहित्य में जापानी कविता की हाइकू विधा इस ताँका विधा से काफी कुछ मिलती जुलती है। मूल नियमों का यदि मिलान करें तो एक ही प्रकार की विधा का मूल प्रदर्श होता है।
Tanka Pattern on chand- चाँद पर ताँका विधा की Poem in hindi
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जो है
दिखता
फैला यहाँ
बुंदेल खंड
गढ़ता दरश
कहानियां अखंड
सुनने को मिलती है
गौरव गाथा चौ तरफा
आज़ादी की पहली लड़ाई
हिला डाला उन गोरों को
फैली चौतरफा ऐसे
चपल दौड़े जैसे
पूरा देश एक
बुंदेलखंड
अगुवाई
करता
जग
की।
ये
झाँसी
की रानी
लोहा लेती
सुनी कहानी
है लहू खौलता
सुन गौरव गाथा
ऊँचा सर हर दम
हैं सिखाते माटी की पूज
देश हित करम जो करें
है करम बड़ा न दूजा
माटी पर बलिदानी
लिखे जग कहानी
पढ़े सुने बानी
जीत बखानी
सीखो जग
झाँसी की
रानी
से।
एक ऐसी रचना जिसमें शब्दों की संख्या एक एक कर बढती है। शब्दों की गणना की जाती है न कि मात्रा की। संयुक्ताक्षर को एक शब्द माना जाता है। लघु एवं दीर्घ शब्द का अन्तर नहीं पडता अर्थात मात्रा भार का असर नहीं मात्र शब्द गणना की जाती है। प्रत्येक पंक्ति अपनी पूर्ववर्ती पंक्ति से एक अधिक शब्द के साथ होती है। इस प्रकार वर्ड पिरामिड की रचना की जाती है।
word pyramid Poem in hindi
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Kavita on bundel khand in word pyramid nature
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