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Category: hindi poems

a Hindi poems written in hindi means hindi kavita.

#42-हैलो!

हैलो हैलो कह कर के,
दुनिया में सबसे पिछे थे,
अब बोलो बोलो कह कर के,
दुनिया को पीछे छोड रहे ।
बन बुधिया कभी मिल्खा,
कभी सचिन रिकार्ड तोड रहे,
कभी बन कर के देश भक्त,
देश द्रोही को हम फोड रहे ।

जय माहिस्मति जय माहिस्मती
हर ओर अब हम बोल रहै,
महिन्दर और अमरिन्दर
भल्लाल से आगे डोल रहे,
जो सच्चा वह मर जाता
झूठा राज सुख भोग रहे,
अन्त भले जीते सच्चाई
पर सच देखो झोल रहे ।

 


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Poem in hindi

Hindi poem on hello.

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Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita

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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

Hindi Poem on Hello World is saying Hello to INDIA

This Hindi Poem explains that World is saying Hello to INDIA now and following on each and every moment. This is a proud feeling moment. But by the word chosen here awakes a little bit of comic sense in the poem in hindi. Hindi Poem on Hello India is a deshbhakti poem in hindi

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#41-सुहाना सावन

भौरों की होती गुंजार यहां, 
चिडियो की चहक निराली है,
सूरज की चमक भी मद्दम है, 
छाई घनघोर छटा निराली है,
पुष्पों की महक चिडियों की चहक, 
भौरों का गुंजार सूरज का चमकता हार,
मनमोहक दिल लुभावनी छटा,
आनन्दमई शीतल प्रकृति निराली है ।
भौरों की होती……

हर पल प्रकृति में खोया अकेला,
प्रकृति की छटा विलोकता,
चिडिया माण्डुलिया खेलती हैं,
झींगुर झनन-झनन झन्नाता,
सावन की पहली वरषा के बाद,
पेडों की चमक निराली है ।
भौरों की होती …….

कोयल की कूक से गूंजता ये नभ,
प्रकृति की छटा है कितनी दुर्लभ,
बीजों से निकला अंकुर देखो,
देखो पेडों से निकलती नई शाख,
पेड के पत्तों में छाई लालिमां,
लगे जैसे पेडों में पडे रंगीन रोशनी,
सूखे के बाद का वो मंजर,
पर अब की छटा निराली है ।
भौरों की होती ……..

 


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Hindi Poem

Poem on savan 

 

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Hindi Poem on Nature and weather of savan

Poem on savan is a hindi poem expressing the explanation of weather of savan when birds marms and bhaura also sings a song alos nature sings

is a hindi poem expressing the explanation of weather of savan when birds marms and bhaura also sings a song alos nature sings

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#40- भागे तो थे

हम तो तन्हा दूर ही थे तुमसे,
बस दिल में पास आने के अरमान जागे तो थे,
रह गये इतने पीछे हम वक्त,
बेवक्त कदम मिलाने को भागे तो थे ।

बिछड जाने के डर ने जकड रखा था,
डर से निकलने को यूं क्या करता अकेला,
जीत दिल के डर को भांप कर,
समन्दर के उन किनारों को झांके तो थे।
समन्दर की लहरों में ताकत वो थी,
जीतनें को उस डर से भीगे तो थे ।

राहों में यूं बढ कर पीछे रह गये,
दिल में अरमान संग चलने के थे,
कोशते हैं खुद को हम पीछे,
तुम बस थोडा आगे तो थे ।

 


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Hindi Poem on reality

Poem on reality

 

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Hindi Poem on reality

मन के भावों को प्रकट करनें का एक प्रयास जिसमें शब्दों के माध्यम से नजदीकी व दूरी को दर्शानें का प्रयास किया गया है। मनोभावों के माध्यम से दिल के अरमानों को व्यक्त किया गया है । बिछड जाने के डर ने जकड रखा था, डर से निकलने को यूं क्या करता अकेला, जीत दिल के डर को भांप कर, समन्दर के उन किनारों को झांके तो थे। समन्दर की लहरों में ताकत वो थी, जीतनें को उस डर से भीगे तो थे ।

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#39-कवि

शब्दों को पिरोना और गूंथ देना एक माले की तरह ।

आसां नहीं है इस जग में,
यूं शब्दों से छेंड-छांड करना,
अनर्गल सी लगती हैं बातें तुरन्त,
महंगा पड जाता है यूँ खिलवाड करना,
शब्दों से खेलता है कवि ऐसे,
फूल गूथते एक माली की तरह,
बडा ही आसां लगता है उसे,
शब्दों को पिरोना और गूथ देना एक माले की तरह ।

कवि की कला ऐसी जो,
बांधे दुनिया के श्रोता को,
शब्दों की उस रंगोली से,
रंग दे सब को अपने रंग में,
जब तक शब्दों की माला फेरे,
ढाल दे स को अपने ढंग में,
असमंजस हो खुशी श्रंगार हो,
बात वीर की हो या समाज की,
सबका खयाल रखता है कवि,
इक जिम्मेदार खयाली की तरह,
कवि को ही आता है-
शब्दों को पिरोना और गूंथ देना एक माले की तरह ।

HINDI POEM ON KAVI- POET

SHABDO KO PIRONA AUR GOOTH DENA EK MAALE KI TARAH.

AASAN NAHIN HAI IS JAG ME,
YU SHABDO SE CHHED-CHHAD KARANA,
ANARGAL SI LAGATI HAI BAATE TURANT,
MAHANGA PAD JAATA HAI YU KHILWAD KARANA,
SHABDO SE KHELATA HAI KAVI AISE,
PHOOL GUTHATE EK MALI KI TARAH,
BADA HI AASAAN LAGATA HAI USE,
SHABDON KO PIRONA AUR GOOTH DENA EK MAALE KI TARAH

KAVI KI KKALA AISI JO,
BANDHE DUNIYA KE SHROTA KO,
SHABDON KI US RANGOLI SE,
RANG DE SAB KO APANE DHANG ME,
ASAMANJAS HO KHUSHI SHRANGAR HO,
BAAT VEER KI HO YA SAMAAJ KI,
SABAKA KHAYAAL RAKHATA HAI KAVI,
IK JIMMEDAAR KHAYALI KI TARAH,
KAVI KO HI AATA HAI-
SHABDO KO PIRONA AUR GOOTH DENA EK MAALE KI TARAH.

 


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Hindi Poem

Poem on savan 

 

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Hindi Poem on Poet

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#38-तो गुस्सा आता है

बडी बडी बातें करनें वालों की बात आगर करता हूँ,
तो गुस्सा आता है।

देश का किसान हर पल झूल रहा है,
जवान शरहद पर जूझ रहा है,
इत भीतर बैठ गर कोई अफशोष जताता है,
तो गुस्सा आता है।

देश का बेटा देश की बेटी देश की शान सब दांव लगा,
देश का सीना चीर जूझे किसान सब दांव लगा,
खाली हांथ राजनैतिक रोटी देखता हूं,
तो गुस्सा आता है।

मत लहू पर राजनीति हो,
सुरक्षा सम्मान की साफ नीति हो,
देश की सुरक्षा करनें वालों की सुरक्षा नीति देखता हूं,
तो गुस्सा आता है ।

इतिहास से लेकर चौदह फरवरी उन्नीस तक की सोंचता हूं,
शृद्धा सुमन समर्पित करता हूं सम्मान की रक्षा करने वालों पर,
करता हूं दीप प्रज्वलित अफशोष जतानें को पर,
खुद पर गुस्सा आता है।


<<- 39 कविः – एक परिभाषा

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#37 राज की राजनीति–>


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Poem on Anger

Poem on anger in hindi is Expressing the thoughts about anger of life. A hindi kavita expressing the expression of life. A real life experience

Poem on anger about pulwama attack

This hindi kavita contains the mirror image to the life with anger and real life experience during Pulwama attack and the politics took place in the country.. Hindi poems are in the form of MUKTAK, Which may follow the ras, chhand, alankaar and matra rool or may not be.

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