भाई गड्ढे से बाहर बाद में आना।
पहले बिना हेलमेट गाडी,
चलाने का चुकाओ जुर्माना,
सडक में हैं ढेर गड्ढे,
तो भला हम क्या करें,
जुर्माने से बचनें का कोई,
नहीं चलेगा कोई बहाना ।
सडक निर्माण कार्य नहीं,
हमारे अधीन फिर भी,
बदहाल सडक की बात,
बाद में सरकार को बताना ।
सुननें का नहीं अधिकार,
हमें कोई बात तुम्हारी,
करनें दो पूरी अपनी ड्यूटी,
फिर अपनी बात सुनाना,
भाई गड्ढे से बाहर बाद में आना ।
सम्पूर्ण कविता सूची
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Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita
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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम
देश की सडकों की खस्ताहाल और परेशान जनता व ऊपर से नये नये कानून
Poem on law and helplessness
इस हिन्दी कविता के माध्यम से देश के बदलते माहौल में राजनैतिक वैचारिक प्रतिद्वन्दता के आधार पर खस्ताहाल सडकों व उन पर परेशान जनता का हाल एक व्यंग के माध्यम से प्रकट करनें का एक प्रयास किया गया है। देश में नये नये ट्रैफिक नियम लागू किये जा रहे हैं विभिन्न प्रकार के देयताएं तय की जा रही हैं परन्तु देश में खश्ताहाल हो चुकी सडकों पर ध्यान देने की ओर अग्रसर नहीं है । इसी पर आधारित एक व्यंग रचना।
Hindi Poem on Law in INDIA
Poem on law and citizen helplessness in hindi is a poem expressing the thoughts about the khastahaal sadak (breaked roads) and pareshan citizen.
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