#52 हिन्दुस्तान
फतवे लगते हैं तो लगनें दो । मुझे गुरेज नहीं ठेकेदारों से, नहीं परवाह मुझे कौम किरदारों से, मैं हिन्दुत्व…
BAKHANI दिल की आवाज और कलम
BAKHANI दिल की आवाज और कलम
a Hindi poems written in hindi means hindi kavita.
फतवे लगते हैं तो लगनें दो । मुझे गुरेज नहीं ठेकेदारों से, नहीं परवाह मुझे कौम किरदारों से, मैं हिन्दुत्व…
साल का दिन आखिरी था,खयालों में खो के बिताया है, जो साल भर संग हुआ, सोंचा क्या खोया क्या पाया…
फन फैलाए खडा पाक है,ड्रैगन लेवै ऊंची उडान,बाहर भीतर से फैला डर,फिर भी ऊंचा सर देखो शान,पक्ष विपक्ष हाहाकार हरदम,हर…
अरे ओ आई.टी. डेवलपर देश के ! कर दो डेवलप ऐप नया, चौगुनी हो जाए खुशहाली, बिना पटाखोंं बिना शोर…