hindi poems

a Hindi poems written in hindi means hindi kavita.

poem on feeling

#57 एहसास

लफ्जों का दौर बीत गया, रह गया एहसास, छोंड भविष्य की अविरल चिन्ता, और करिये इक एहसास । बिना धूल की धूप का, बिन पहिए की रोड का, बिना आफिस के बास का, करिये इक एहसास । बिना रेस्ट्राँ खानो का, बिना फास्टफूड दुकानों का, व बिना हाल हालातों का , करिये इक एहसास । […]

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corona

#56 भारत और कोरोना के खिलाफ जंग

जग आश लगाए देख रहा, सायद कोई इक राह मिले, जनता कर्फ्यू व लाकडाउन से, कोरोना से सब बच निकले, पर हम उन्मत्त चूर नशे में, क्यों भला कोई अपील सुनें, तुम क्या कहते जग क्या कहता, चाहे ऐसे कितनें प्रश्न मिलें। अनुशासन सायद न सीखा, न कदर करें अनुशासन की, बात को जरा हम

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hindi poem on heart and mind

#55 चित- मन का लहरी

  मन का लहरी सज संवर कर, स्वच्छन्द जहां विचरण करता, सार्वभौम जो सत्य जहां पर, जाने कौन कब कैसे तरता, चलते फिरते खडे खडे यूं, बातों बातों अन्तिम मंजिल आ जाती, जीत पलों को उस छण में फिर, काहे सोंचता क्या करता क्या न करता, मन का लहरी सज संवर कर, स्वच्छन्द जहां विचरण

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Delhi Riots

#54 दिल्ली दंगा

काश्मीर से हटी क्या धारा तीन सौ सत्तर, भडकाकर लोगों को दिल्ली पर बरसा दिया पत्थर, जमाना बेबाक निष्ठुर ढंग से देखता रह गया, और जमाने ने जमाने को आइना दिखला दिया । घरौंदे जब आइने के बने होते हैं, शदियों से तहजीब जब कंधे ढोते हैं, संभल कर पग रखना होता है घर से

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poem on memory

#53 स्मृति

क्यों स्मृति यूँ सताती। जग में न कोई वैरी दूजा, पल में रुलाती पल में हसाती, पल में मजबूर सोंचनें को करती, हर पल यह एहसास जताती, क्यों स्मृति यूं सताती। कहती खुद को जीनें का जरिया, झील समन्दर से भी गहरी यह दरिया, बिन घुंघरू बाजे यह झांझर, चुप रह कर भी शोर मचाती,

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