#53 स्मृति
क्यों स्मृति यूँ सताती। जग में न कोई वैरी दूजा, पल में रुलाती पल में हसाती, पल में मजबूर सोंचनें को करती, हर पल यह एहसास जताती, क्यों स्मृति यूं…
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February 21, 2020
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क्यों स्मृति यूँ सताती। जग में न कोई वैरी दूजा, पल में रुलाती पल में हसाती, पल में मजबूर सोंचनें को करती, हर पल यह एहसास जताती, क्यों स्मृति यूं…
फतवे लगते हैं तो लगनें दो । मुझे गुरेज नहीं ठेकेदारों से, नहीं परवाह मुझे कौम किरदारों से, मैं हिन्दुत्व पर भी चाहे गर्व न करूं, पर परहेज नहीं भारत…
साल का दिन आखिरी था,खयालों में खो के बिताया है, जो साल भर संग हुआ, सोंचा क्या खोया क्या पाया है। अभी कुछ पलों के बाद, ईशवी सन नया आयेगा,…
फन फैलाए खडा पाक है,ड्रैगन लेवै ऊंची उडान,बाहर भीतर से फैला डर,फिर भी ऊंचा सर देखो शान,पक्ष विपक्ष हाहाकार हरदम,हर नेक काज के बुरे बखान,मार पडे चाहे चोंट पडे,न दिखे…