poem on hindustan
hindustan india bharat

#49 ऐसा अपना हिन्दुस्तान

फन फैलाए खडा पाक है,
ड्रैगन लेवै ऊंची उडान,
बाहर भीतर से फैला डर,
फिर भी ऊंचा सर देखो शान,
पक्ष विपक्ष हाहाकार हरदम,
हर नेक काज के बुरे बखान,
मार पडे चाहे चोंट पडे,
न दिखे चिन्ता का कोई निशान,
प्रगति पथ पर काबिज है,
ऐसा अपना हिन्दुस्तान।

बापू चाचा आजाद गुरू,
सब मिल बनाया देश महान,
देश के जुुगाड से देखो,
नहीं रहा है विश्व अंजान,
हर बहकावे में आ जाए,
भोली भाली जनता नादान,
जिन्हे चुना है देश हितैषी,
वही दिखाते अल्प ज्ञान,
विश्व में दिखलाई महाशक्ति है,
ऐसा अपना हिन्दुस्तान।

जन सुख मन सुख वसुधैव कुटुम्बकम,
उद्येश्य देश का विश्व कल्यान,
कृषि अग्रणी व्यवसाय अग्रणी,
अग्रणी देश में ज्ञान विज्ञान,
रामानुजम भाभा भीमराव,
अब्दुल कलाम सरीखे हैं विद्वान,
यहां राम रहीम दीवाली ईद,
ईश परम क्रिसमस रमजान,
संग हस उत्साह मनाये,
ऐसा अपना हिन्दुस्तान।

 


–>सम्पूर्ण कविता सूची<–


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jk namdeo

मैं समझ से परे। एकान्त वासी, अनुरागी, ऐकाकी जीवन, जिज्ञासी, मैं समझ से परे। दूजों संग संकोची, पर विश्वासी, कटु वचन संग, मृदुभाषी, मैं समझ से परे। भोगी विलासी, इक सन्यासी, परहित की रखता, इक मंसा सी मैं समझ से परे।