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#62 मैं चुप हूँ (Word Pyramid)

word pyramid poem in hindi

मैं
आज
यहाँ से
कहता हूँ
अकसर ही
चुप रहता हूं
पर देख जमाना
अब हक़ न जताना
छोड़ मुझे मेरे हाल में
अकेले है समय बिताना
बीते पल संग जहाँ के
याद वही करता हूँ
कहीं लगे न दोष
फ़ैलाने से रोष
मैं आज यहाँ
डरता हूँ
चुप हूँ
आज
मैं।

मैं
चुप
हूँ ऐसे
लगे जैसे
कहता जग
मत ऐसे भग
सुन ले कान खोल
कर विचार जग में
खुलती हर और पोल
सुन कहती यह दुनिया
मगन जग विचरता
आखिर कैसे डरता
सुन बातें जहाँ की
मगन जहाँ में
गुंजार शांत
जैसे भौरा
ऐसे हूँ
चुप
मैं।

विवरण शब्द पिरामिड (Word pyramid)

एक ऐसी रचना जिसमें शब्दों की संख्या एक एक कर बढती है। शब्दों की गणना की जाती है न कि मात्रा की। संयुक्ताक्षर को एक शब्द माना जाता है। लघु एवं दीर्घ शब्द का अन्तर नहीं पडता अर्थात मात्रा भार का असर नहीं मात्र शब्द गणना की जाती है। प्रत्येक पंक्ति अपनी पूर्ववर्ती पंक्ति से एक अधिक शब्द के साथ होती है। इस प्रकार वर्ड पिरामिड की रचना की जाती है।


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Hindi Poem on word pyramid

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Published inhindi poemsWord pyramid

One Comment

  1. vijay vijay

    Its Awesome……

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