#18-सुन गौरैया कहाँ गई तू

 

सुन गौरैया वर्षों पहले मेरा आंगन महकाती थी,

मेरा बचपन फुदक तेरे संग,
उछल कूद सिखाती थी,
डालूं दाना आंगन में जितने,
तू आ के चुंग जाती थी,
मेरे आंगन का पेड सुनहरा,
रहता तेरा सुन्दर बसेरा,
सांझ ढले तू भी सो जाती,
चहके मन मोहे जब होए सबेरा।

ऐ गौरैया कहाँ गई तू,
लौट के आ जा जहाँ गई तू,
बिन तेरे अब आंगन सूना,
दुनिया तुझको धता बताती,
मेरा आंगन चहक महक से,
तू हर पल बरसाती थी,
सुन गौरैया वर्षों पहले मेरा आंगन महकाती थी।


–>सम्पूर्ण कविता सूची<–


हिंदी कविता-

गौरैया (the sparrow) एक ऐसी चिडिया है जो आज कल अपना अस्तित्व खोती सी दिख रही है। एक समय था जब चहल पहल व भागम भाग भरी जिंदगी नहीं थी इस दुनिया में। उस समय गौरैया आराम से घर के आंगन में आकर चहल कदमी करती थी। पर जब से मोबाइल क्रांति हुई कई प्रजाति की चिडियाँ अपना अस्तित्व खोती सी दिख रही हैं।

Hindi Poem on sparrow

Poem on sparrow the bird gauraiya in hindi

Facebook link

बखानी हिन्दी कविता के फेसबुक पेज को पसंद और अनुसरण (Like and follow) जरूर करें । इसके लिये नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें-

Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita

Youtube chanel link

Like and subscribe Youtube Chanel

Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

Hindi Kavita on sparrow

Kavita on sparrow in hindi

5 1 vote
Article Rating
Total Page Visits: 2227 - Today Page Visits: 2
Subscribe
Notify of
guest
1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Ashwani Maurya
Ashwani Maurya
5 years ago

Loved to read.