#56 भारत और कोरोना के खिलाफ जंग
जग आश लगाए देख रहा, सायद कोई इक राह मिले, जनता कर्फ्यू व लाकडाउन से, कोरोना से सब बच निकले,…
BAKHANI दिल की आवाज और कलम
BAKHANI दिल की आवाज और कलम
जग आश लगाए देख रहा, सायद कोई इक राह मिले, जनता कर्फ्यू व लाकडाउन से, कोरोना से सब बच निकले,…
मन का लहरी सज संवर कर, स्वच्छन्द जहां विचरण करता, सार्वभौम जो सत्य जहां पर, जाने कौन कब कैसे…
काश्मीर से हटी क्या धारा तीन सौ सत्तर, भडकाकर लोगों को दिल्ली पर बरसा दिया पत्थर, जमाना बेबाक निष्ठुर ढंग…
क्यों स्मृति यूँ सताती। जग में न कोई वैरी दूजा, पल में रुलाती पल में हसाती, पल में मजबूर सोंचनें…
फतवे लगते हैं तो लगनें दो । मुझे गुरेज नहीं ठेकेदारों से, नहीं परवाह मुझे कौम किरदारों से, मैं हिन्दुत्व…