#40- भागे तो थे
हम तो तन्हा दूर ही थे तुमसे,बस दिल में पास आने के अरमान जागे तो थे,रह गये इतने पीछे हम वक्त,बेवक्त कदम मिलाने को भागे तो थे ।बिछड जाने के…
हम तो तन्हा दूर ही थे तुमसे,बस दिल में पास आने के अरमान जागे तो थे,रह गये इतने पीछे हम वक्त,बेवक्त कदम मिलाने को भागे तो थे ।बिछड जाने के…
शब्दों को पिरोना और गूंथ देना एक माले की तरह । आसां नहीं है इस जग में,यूं शब्दों से छेंड-छांड करना,अनर्गल सी लगती हैं बातें तुरन्त,महंगा पड जाता है यूँ…
बडी बडी बातें करनें वालों की बात आगर करता हूँ,तो गुस्सा आता है।देश का किसान हर पल झूल रहा है,जवान शरहद पर जूझ रहा है,इत भीतर बैठ गर कोई अफशोष…
राज की जो राजनीति करेगा, वह ज्यादा टिक न पाएगा। आखिर लकडी की हांडी को, कब तक भटठी चढाएगा,दूध से जो जला इस जग में, मट्ठा फूंक कर पीता है,जनता…
बेरोजगारी का यह आलम, दुनिया का हर कोना है,पढो लिखो फिर दर दर भटको युवाओं का यह रोना है ।राजस्व वसूली अच्छी खासी सिस्टम में यह चूक है,रोजगार स्वरोजगार छलावा…