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poem on hindustan
hindustan india bharat

#25-ARE WE INDEPENDENT?

CONTENT MISSING  UPLOAD PROCESS WILL BE COMPLETED SOON देश हुआ आजाद हुए अब हो गए हैं दिन इतने, जो सच पूछो दिल से बोलो आजाद रहे हम दिन कितने ........

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#24-RET KE DARIYA

मैंने रेत का दरिया मुठ्ठी बाँधी। जग में यूँ हि राह चलूं, विश्वास समय के साथ चलूं, पर समय का पहिया आगे काफी, न पाऊँ दिन रात चलूँ, मैं भूल…

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#23-बुंदेलखण्ड

न देखी किसी ने दशा वो मेरी, बस हंसते रहे मुस्कुराते रहे, मेरी दशा को उथला दिखा, जग को धता बस दिखाते रहे, दिखता है जो क्या बस वो सच…

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mother
maa beta

#22-ओ माँ

CONTENT MISSING SOME PROBLEM OCCUR WITH THIS PAGE COME BACK LATER..... तुझे मेरी हर पल जो चिन्ता रहती है, आंखो के नीचे की सुर्ख झुर्रियां कुछ कहती हैं, इक शान्त…

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#21-दृढ बनो

निकला था अलि भ्रमर में, अंजानें मंजिल की खोज, दिल में आश लगाए भटके, मन में मंजिल पानें की सोंच, राह भटकते रात हुई वह, लौट पडे निज गृह को…

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