#32-मंजिल क्या है
ऐ पवन ! ठहर जरा, बता तेरी मंजिल क्या है? क्या तू कभी सोंचता है, तेरे भाग्य लिखा क्या है? ऐ सूरज! तू ठहर जरा, क्यों बार-बार गुजरता है तेरी…
ऐ पवन ! ठहर जरा, बता तेरी मंजिल क्या है? क्या तू कभी सोंचता है, तेरे भाग्य लिखा क्या है? ऐ सूरज! तू ठहर जरा, क्यों बार-बार गुजरता है तेरी…
मन में दबा विश्वास आखिर झलक ही जाता है संग किसी के घटना होती दौडा दौडा पुलिस को जाता है, गुस्सा हो मन में कितना भी कितना भी वह बोले…
हंसते रहो तो तुम अच्छे जो बोल दिया तो जग रूठेगा चुप सहते रहो तो तुम अच्छे, कुछ बोल दिया तो जग रूठेगा। सत्य राह चलो कितना भी तुम, मूक…
अब की शदी में यार ढूंढते रह जाओंगे । देश भक्त और नेता सच्चा,माँ का दूध कमाऊ बच्चा,शरीफों के गले में हार,ढूंढते रह जाओगे। गुरू सच्चा शिष्य आज्ञाकारी,नेक पति पतिवृता…
अपनें मन की बातों को न समझ पाया अब तक, न कर पाया न्याय अपनें विचारों के साथ, मन का वो समन्दर हिलोरे मार रहा है यूँ, कि लगे जैसे…