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चाँद शीर्षक कविता की ताँका विधा-

शीर्षक- चाँद पर तांका विधा एक लघु गीत (Tanka pattern titled chand)

 

ऐ चाँद तुझे
खोजा है हर दम
दिल नें मेरे
इक आश सी जगी
जब चांदनी दिखी।।

मन पीछे है
खोज में हरदम
जग वैरी है
छुपाऊँ हर गम
मुस्काता हूँ वेदम।

परंपरा है
तन्हाई से लड़ लें
पैर की बेड़ी
बन कर दुनिया
बढाती है दूरियां।

चांदनी छिपी
मन में तनहाई
दिल में छूरा
मारती हर दम
चाँद कहीं दफ़न।




विवरण ताँका विधा (Tanka pattern)

ताँका — इस शब्द का अर्थ है ‘‘लघु गीत’’। यह जापान की पुरानी विधा है । इसमें 5+7+5+7+7 वर्णों का क्रम होता है ताँका में मात्र 5 चरण होते हैं आधे अक्षरों की गिनती नहीं होती…

इस विधा की अधिक जानकारी के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक कर विधा का विवरण व विधा में कविता लिखनें के नियमों को जरूर पढें। हिंदी साहित्य में जापानी कविता की हाइकू विधा इस ताँका विधा से काफी कुछ मिलती जुलती है। मूल नियमों का यदि मिलान करें तो एक ही प्रकार की विधा का मूल प्रदर्श होता है।



तांँका विधा का विवरण


 


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Moon (Chand) Tanka vidha par hindi kavita

 

Tanka Pattern on chand- चाँद पर ताँका विधा की Poem in hindi

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Hindi Kavita in Tanka Pattern titled chand

Kavita on chand in Tanka Pattern

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Jitendra Kumar Namdeo- जितेन्द्र कुमार नामदेव

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jk namdeo

मैं समझ से परे। एकान्त वासी, अनुरागी, ऐकाकी जीवन, जिज्ञासी, मैं समझ से परे। दूजों संग संकोची, पर विश्वासी, कटु वचन संग, मृदुभाषी, मैं समझ से परे। भोगी विलासी, इक सन्यासी, परहित की रखता, इक मंसा सी मैं समझ से परे।