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#46 पुष्प और मोहब्बत

पुष्प पर बेरहमी दिखा कर,
चल दिये इश्क का इजहार करने,
कम्बख्त इश्क बरकरार रखने को,
चल दिये पु्ष्प बेकार करनें ।
क्या कभी तूनें कहीं पर,
बेरहमी से प्यार पाया है,
पुष्प पर बेरहमी दिखा कर,
क्यों किसी से प्यार जताया है।
जो पुष्प सी नाजुक प्रकृति पर,
यूंँ बेरहमी दिखाएगा,
सोंच कैसे लिया तुमनें,
तुमसे दरिया दिली दिखाएगा ।

 


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Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita

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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

Poem on Love and flower

आज के समय में प्यार का इजहार करनें को प्रकृति की सुन्दरता को प्रदत्त हरियाली और सुन्दरता का प्रतीक पुष्प की बलि चढाना आम बात हो गई है । पुष्पों का प्रयोग जीवन के हर पहलू में किया जाता है। सायद ही कोई ऐसा क्षण बचा हो कि बिना पुष्प के जीवन का कोई कार्य  हो पाए । इसी पर आधारित यह हिन्दी कविता है जो यह दर्शाती है कि वह व्यक्ति जो अपने प्यार का इजहार करनें के लिए पुष्प पर ऐसी बेरहमी दिखाता है वह भला प्यार को कैसे निभा पाएगा। 

Hindi Poem on Love and Flower

Poem on love and flower is an expression of thoughts about how we use the flower to express love in life which shows cruel nature of human. Read this Hindi poem expressing the thoughts.

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Author

jk namdeo

मैं समझ से परे। एकान्त वासी, अनुरागी, ऐकाकी जीवन, जिज्ञासी, मैं समझ से परे। दूजों संग संकोची, पर विश्वासी, कटु वचन संग, मृदुभाषी, मैं समझ से परे। भोगी विलासी, इक सन्यासी, परहित की रखता, इक मंसा सी मैं समझ से परे।

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