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Author: jk namdeo

मैं समझ से परे।

एकान्त वासी, अनुरागी,
ऐकाकी जीवन, जिज्ञासी,
मैं समझ से परे।

दूजों संग संकोची,
पर विश्वासी,
कटु वचन संग,
मृदुभाषी,
मैं समझ से परे।

भोगी विलासी, इक सन्यासी,
परहित की रखता,
इक मंसा सी
मैं समझ से परे।

#63 कोरोना से सीख (Haiku pattern)

Haiku विधा
***5
***7
***5

विधा- हाइकु
विषय- कोरोना से सीख(Learn with corona)



 

थमी रफ्तार,
कोरोना सा घातक,
है हथियार।

जग देखता,
फिर सोंचता गूढ,
क्या हैं तैयार?

भाग रहे थे,
बस जग दिखाने,
झूठी रफ्तार।

बन्द घरों में,
बेबस व लाचार,
दूर है यार।

बदली शैली,
छूटे यार शहेली,
छूटे बाजार।

सीख गये हैं,
थोडे में ही जीवन,
स्वच्छ विचार।


–>सम्पूर्ण कविता सूची<–


Hindi Poem on learn with corona in haiku pattern

Poem on learn with corona in haiku pattern of hindi. Haiku is mainly a japani pattern to write poems which is mainly used to write poem on nature based. But in hindi poem the pattern of haiku i.e. 5-7-5 is used but for all subjects.

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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

Hindi Poem on learn with corona

मन के भावों को प्रकट करनें का एक प्रयास जिसमें शब्दों के माध्यम से नजदीकी व दूरी को दर्शानें का प्रयास किया गया है। मनोभावों के माध्यम से दिल के अरमानों को व्यक्त किया गया है । बिछड जाने के डर ने जकड रखा था, डर से निकलने को यूं क्या करता अकेला, जीत दिल के डर को भांप कर, समन्दर के उन किनारों को झांके तो थे। समन्दर की लहरों में ताकत वो थी, जीतनें को उस डर से भीगे तो थे ।

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#62 मैं चुप हूँ (Word Pyramid)

word pyramid poem in hindi

मैं
आज
यहाँ से
कहता हूँ
अकसर ही
चुप रहता हूं
पर देख जमाना
अब हक़ न जताना
छोड़ मुझे मेरे हाल में
अकेले है समय बिताना
बीते पल संग जहाँ के
याद वही करता हूँ
कहीं लगे न दोष
फ़ैलाने से रोष
मैं आज यहाँ
डरता हूँ
चुप हूँ
आज
मैं।

मैं
चुप
हूँ ऐसे
लगे जैसे
कहता जग
मत ऐसे भग
सुन ले कान खोल
कर विचार जग में
खुलती हर और पोल
सुन कहती यह दुनिया
मगन जग विचरता
आखिर कैसे डरता
सुन बातें जहाँ की
मगन जहाँ में
गुंजार शांत
जैसे भौरा
ऐसे हूँ
चुप
मैं।

विवरण शब्द पिरामिड (Word pyramid)

एक ऐसी रचना जिसमें शब्दों की संख्या एक एक कर बढती है। शब्दों की गणना की जाती है न कि मात्रा की। संयुक्ताक्षर को एक शब्द माना जाता है। लघु एवं दीर्घ शब्द का अन्तर नहीं पडता अर्थात मात्रा भार का असर नहीं मात्र शब्द गणना की जाती है। प्रत्येक पंक्ति अपनी पूर्ववर्ती पंक्ति से एक अधिक शब्द के साथ होती है। इस प्रकार वर्ड पिरामिड की रचना की जाती है।


–>सम्पूर्ण कविता सूची<–


word pyramid par hindi kavita

 

Hindi Poem on word pyramid

word pyramid Poem in hindi

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करो उद्धार (Word pyramid)

करो उद्धार


मेरे
किशन
कन्हाई रे
जग में सब
पाले अहंकार
भूले प्रेम दुलार
करो हे प्रभु उद्धार।
हे
राम
जहाँ में
हर ओर
रावण आज
मचाये उत्पात
हो रावण संहार
करो हे प्रभु उद्धार।
हे
भोले
भंडारी
नीलकंठ
दुष्ट संहारी
संकट है भरी
अधर्म को संहार
करो हे प्रभु उद्धार।
हे
शक्ति
स्वरूपा
माता दुर्गा
तेरे भक्तो पे
है संकट भरी
धर रूप विकराल
करो हे माता उद्धार।

विवरण शब्द पिरामिड (Word pyramid)

एक ऐसी रचना जिसमें शब्दों की संख्या एक एक कर बढती है। शब्दों की गणना की जाती है न कि मात्रा की। संयुक्ताक्षर को एक शब्द माना जाता है। लघु एवं दीर्घ शब्द का अन्तर नहीं पडता अर्थात मात्रा भार का असर नहीं मात्र शब्द गणना की जाती है। प्रत्येक पंक्ति अपनी पूर्ववर्ती पंक्ति से एक अधिक शब्द के साथ होती है। इस प्रकार वर्ड पिरामिड की रचना की जाती है। इस वर्ड पिरामिड में एक से लेकर आठ तक शब्द समूह को बाढाया गया है एवं इस प्रकार कुल चार खण्ड में रचना लिखी गई है।

शब्द पिरामिड रचना का प्रथम प्रयास। प्रत्येक खण्ड में शब्द संग्रह 1 से ले कर 8 तक।


–>सम्पूर्ण कविता सूची<–


word pyramid par hindi kavita

 

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देश में कोरोना संकट पर सभी से प्रश्न

भारत में कोरोना (corona-covid19 disease in Bharat) का संकट

इस कोरोना काल में एक कहानी चिरतार्थ होती दिख रही है।

भाग-1

जिसमें एक दम्पत्ति एक गधे को लेकर चले जा रहे थे। तब कुछ बुद्धिजीवी मिले और कहते हैं कि बडे मूर्ख हो तुम लोग गधा लिए हो और खुद पैदल चल रहे हो। तो यह सुन कर पत्नी यह कह कर आप पति परमेश्वर हो आप बैठ जाओ, पैदल चलती है व खुद पति बैठ कर चलने लगता है।

भाग2

आगे चल कर पुनः बुद्धिजीवी मिल जाते हैं और देख कर हंसते हैं और कहते हैं देखो तो भला खुद गधे पर बैठा है बेचारी पत्नी को पैदल चला रहा है। यह सुन कर पत्नी को गुस्सा आता है। वह पति को गधे से उतार कर खुद बैठ जाती है और आगे चल देते हैं।

भाग3

कुछ दूर चलनें पर फिर लोग बात करना प्रारम्भ कर देते हैं कि देखो जोरू का गुलाम खुद पैदल चल रहा है व अपनी पत्नी को गधे पर बैठाए चल रहा है। यह सुन कर दोनो दम्पत्ति उस गधे पर बैठ गए और चलने लगे।

पति पत्नी और गधा

भाग4

फिर कुछ दूर चलनें पर कुछ लोग उन्हें देख कर कहते हैं कितने निर्दयी हैं एक गधे पर दो लोग बैठे हैं बेचारा गधा बेजुबान है सो उस पर कहर ढा रहे हैं।  यह सुन कर वह दम्पत्ति फैसला करते हैं। आपस में बात करते हैं कि हमनें सभी तरकीबें लगा ली लोग बात करना बन्द ही नहीं कर रहे अब तो बस एक ही तरीका बचा है चलो अब इस बेचारे गधे पर रहम करते हैं काफी दूर से यह हमें ढो रहा है यह थक गया होगा। इतना कह कर पति गधे को कंधे पर लाद कर आगे चल देता है।

सारांश और उपसंहार

आगे चल कर लोग फिर हंसना प्रारम्भ कर देते हैं। इन सब से परेशान दोनो पति पत्नी कुछ दूर और चलते हैं और उनकी मुलाकात एक बुद्धिजीवी से होती है। उनसे वो थक हार कर प्रश्न करते हैं कि क्या करें और कैसे करें कि लोग नुक्स निकालना छोंड दे। तब वह बुद्धिजीवी कहता है कि लोगों की सुनोगे तो यही हाल होगा। अपने विवेक का प्रयोग करो। यह सुन कर दोनों पति पत्नी समाज और बुद्धिजीवियों की बातों को अनसुना करते हुए गधे पर बैठ कर अपने गंतव्य को चल देते हैं।

What to do What not to

आज इस कोरोना (corona) काल में अर्थशास्त्र के ज्ञाता, देश की सभी राज्य सरकारें, देश की केन्द्र सरकार, देश के पक्ष विपक्ष के सभी नेता दल एवं देश (Bharat) के बुद्धिजीवियो आज देश का एक आम नागरिक आपसे एक प्रश्न पूछता है, क्या आपके पास उस प्रश्न का उत्तर है?

उपज

covid 19
corona virus disease

देश (Bharat) में जब कोरोना (corona- covid 19) संक्रमण के चलते लाकडाउन की घोषणा हुई सभी को देश के अर्थजगत की चिन्ता सताने लगी, जनता को किसी तरह संघर्ष कर रही थी लेकिन जो लोग अपने घरों में एसी के अन्दर बैठे थे उन्हें बहुत चिन्ता हो रही थी कि क्या होगा देश का ऐसे देश बन्द करना कहाँ की तानाशाही है आदि आदि प्रश्न आए दिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म में देखने को मिल जाते थे। आए दिन ऐसे पोस्ट मिल जाते थे जिससे लोग भडक कर रोड पर चलने को मजबूर हुए। देश के अन्दर देश के नागरिकों को प्रवासी की संज्ञा दी गयी और चलनें मरनें पर मजबूर किया गया। यह ठीकरा मैं देश की गन्दी राजनीति और देश के बुद्धिजीवियों के सर फोडता हूँ। इस पर देश की मीडिया नें भी कोई कोर कसर नहीं छोडी।

माननीय सांसद, वायनाड संसदीय क्षेत्र, केरल राज्य से प्रश्न

rahul gandhi*
rahul gandhi*

आज प्रश्न राहुल गांधी*, जो कि देश (Bharat) के केरल राज्य के वायनाड संसदीय क्षेत्र से माननीय सांसद हैं उनसे भी है कि जब देश में कोरोना (corna) के चलते लाकडाउन था तब उन्हें देश के लोगों की स्वास्थ्यपरक चिन्ता न हो कर देश विदेश के विभिन्न अर्थजगत के ज्ञाताओं से वीडियो कान्फ्रेंशिग कर देश के नागरिकों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे थे और अब यदि लाक डाउन खुल गया है तो देश के नागरिक जो रोज हजारों की संख्या में संक्रमित हो रहे हैं उनके स्वास्थ्य के लिए किससे वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर रहे हैं? क्या राजनीति से बढ कर देश की जनता का हित आपकी प्राथमिकता सूची में है भी या नहीं।

विभिन्न राज्य सरकारों से प्रश्न

देश के विभिन्न राज्य सरकारें आज बताएं जब लाकडाउन में देश में संक्रमण का स्तर इतना कम था तब इन्होने राज्य की अर्थव्यवस्था संभालने के लिए मधुशाला खुलवाने के लिए हर संभव प्रयास दबाव बनाया। आज जब सक्रमण का स्तर इतना ज्यादा है क्या वो अब कुछ और कदम उठाएंगे कुछ सोंचा हुआ है या सिर्फ अर्थव्यवस्था ही जिम्मेदारी है उनकी बांकी जनता खुद की व्यवस्था खुद करे। आपने गरीब मजदूर व मजबूर को रोड में पैदल चलनें के लिए छोंड दिया राजनीतिक स्तर पर ठीकरा केंद्र सरकार के सर फोड दिया। यदि केंद्र सरकार केंद्रित स्तर पर देश का संचालन करने के लिए है तो आप भी राज्य स्तर पर संचालन के लिए ही चुने गये हैं। आपकी अदूरदर्शिता से हर राज्य का जनमानस परेशान है।

केन्द्र सरकार से प्रश्न

देश की जनता नें भारत देश (Bharat)  को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए केंद्र में आपको बैठाया है। देश हित के फैसले लेने में इतनी हिचकिचाहट क्यों दिखती है। उपरोक्त कहानी के आधार पर यदि कोई चलता है तो परेशान ही रहता है। तथाकथित तौर पर बुद्धिजीवियों के पास घर बैठ कर कोई काम है नहीं इसलिए ज्ञान झाडते रहते हैं। यदि किसी भी बात का चतुर्दिशीय समाधान पूंछा जाये तो उनके पास नहीं होगा। जो दिखावा करते हैं करनें दो।

ऐसी स्थिति में जो भारत में कोरोना संक्रमण (corona infection in bharat) की स्थिति बनी है उससे निपटने के लिए आपके पास कोई मास्टर प्लान है या सब जनता भरोसे ही छोंड रखा है। किसी भी राज्य को अपनी राज्यपरक राजनीति से ऊपर उठ कर सोंचने की फुरसत नहीं है। केंद्र के रूप में आप इस संक्रमण से निबटने के लिए क्या तरकीब अपना रहे हैं। या फिर ऊपर की कहानी के आधार पर ही बस जो जैसा बोल रहा है वैसा करने लग जा रहे हैं।

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primeministers

1
Jawaharlal Nehru

कार्यकाल

15 अगस्त 1947
से
15 अप्रैल 1952

15 अप्रैल 1952
से
17 अप्रैल 1957

17 अप्रैल 1957
से
2 अप्रैल 1962

2 अप्रैल 1962
से
27 मई 1964

16 वर्ष 286 दिन

Gulzarilal Nanda
गुलजारीलाल नन्दा (कार्यवाहक)
(1898–1998)

कार्यकाल

27 मई 1964
से
09 जून 1964

13 दिन

Lal Bahadur Shastri

कार्यकाल

09 जून 1964
से
11 जनवरी 1966

01वर्ष 2016 दिन

-
Gulzarilal Nanda
गुलजारी लाल नन्दा (कार्यवाहक) (1898–1998)

कार्यकाल

11 जनवरी 1966
से
24 जनवरी 1966

13 दिन

3

कार्यकाल

24 जनवरी 1966
से
04 मार्च 1967

04 मार्च 1967
से
15 मार्च 1971

15 मार्च 1971
से
24 मार्च 1977

11 वर्ष 59 दिन

Morarji Desai

कार्यकाल

24 मार्च 1977
से
28 जुलाई 1979

02 वर्ष 126 दिन

5
Charan Singh
Charan Singh (1902–1987)

कार्यकाल

28 जुलाई 1979
से
14 जनवरी 1980

170 दिन

(3)
Indira Gandhi

कार्यकाल

14 जनवरी 1980
से
31 अक्टूबर 1984

4 वर्ष 291 दिन

6
Rajiv Gandhi

कार्यकाल

31 अक्टूबर 1984
से
31 दिसम्बर 1984

31 दिसम्बर 1984
से
02 दिसम्बर 1989

05 वर्ष 32 दिन

7
V.P. Singh

कार्यकाल

02 दिसम्बर 1989
से
10 नवम्बर 1990

343 दिन

8
Chandra Shekhar
Chandra Shekhar (1927–2007)

कार्यकाल

10 नवम्बर 1990
से
21 जून 1991

223 दिन

9
P.V. Narasimha Rao
P. V. Narasimha Rao (1921–2004)

कार्यकाल

21 जून 1991
से
16 मई 1996

4 वर्ष 330 दिन

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee (1924–2018)

कार्यकाल

16 मई 1991
से
1 जून 1996

16 दिन

11
H.D. Deve Gowda

कार्यकाल

1 जून 1996
से
21 अप्रैल 1997

324 दिन

12
I.K. Gujral
Inder Kumar Gujral (1919–2012)

कार्यकाल

11 अप्रैल 1997
से
19 मार्च 1998

332 दिन

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee (1924–2018)

कार्यकाल

19 मार्च 1998
से
10 अक्टूबर 1999

10 अक्टूबर 1999
से
22 मई 2004

06 वर्ष 64 दिन

13

कार्यकाल

22 मई 2004
से
22 मई 2009

22 मई 2009
से
26 मई 2014

10 वर्ष 4 दिन

Narendra Modi
Narendra Modi (1950–)

कार्यकाल

26 मई 2014
से
30 मई 2019

30 मई 2019
से
लगातार

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