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bakhani_hindi_poems
Bakhani Hindi Poems

#5-विज्ञान – एक अभिशाप

दुनिया में रहनें वालों ने, मौत की सेज सजाई, प्रतिदिन यह सेज सुन लो, लेती है अंगड़ाई। प्रति छण प्रति मानव, करे मौत से लड़ाई, दुनिया में रहनें वालों नें,…

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poem on hindustan
hindustan india bharat

#4-क्या-हम-आजाद-हैं

Are we Independent: kya ham aazad hai देश हुआ आजाद aazad हुए अब, हो गए हैं दिन इतने, जो सच पूछो तो दिल से बोलो, आजाद रहे तुम दिन कितने,…

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bakhani hindi kavita
the introduction of bakhani

#3-बखानी-एक परिचय

Bakhani Introduction Bakhani बखानी संग्रह उन बातों का, जिन बातों को सब जानते हैं, अच्छा बुरा पहचानते हैं, फिर भी बातें नहीं मानते हैं। सुननेे में अच्छी लगती हैं, अनुसरण…

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ashant pakshi
मन अशान्त पक्षी का कलरव

#2-मन अशांत पक्षी का कलरव।

Mind मन अशांत पक्षी का कलरव। पतझड़ फैला फूला शेमल, हलचल फैली फुदक गिलहरी, कोयल कूके गीत सुहाना, देख अचंभित प्रकृति का रव , मन अशांत पक्षी का कलरव। फूल…

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mother
maa beta

#1–मा

Maa मा बोले बेटे से :- उठ बेटा दुनिया देख, दुनिया देख रही तुझको,मत जा ज्यादा दूर मा से, ममता कह रही तुझको । बात-बात मे गुस्सा करके, बेटा युं…

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