#28 बेचैन भ्रमण
अपनें मन की बातों को न समझ पाया अब तक, न कर पाया न्याय अपनें विचारों के साथ, मन का वो समन्दर हिलोरे मार रहा है यूँ, कि लगे जैसे…
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अपनें मन की बातों को न समझ पाया अब तक, न कर पाया न्याय अपनें विचारों के साथ, मन का वो समन्दर हिलोरे मार रहा है यूँ, कि लगे जैसे…
हमने तो फेसबुक से दूरी बना ली थी। अपने में ही एक महफिल सजा ली थी, पर दुनिया नें कहा ह्वाट्स ऐप और फेसबुक पर आओ, छोड कर हमें यू…
तुझमें सबको गर्व, फक्र से सर ऊंचा कर हम चलते हैं, माँ की कोख से लेकर, बहन की राखी संग ले चलते हैं, बीवी बन कर रख खयाल, तू देश…
CONTENT MISSING UPLOAD PROCESS WILL BE COMPLETED SOON देश हुआ आजाद हुए अब हो गए हैं दिन इतने, जो सच पूछो दिल से बोलो आजाद रहे हम दिन कितने ........
मैंने रेत का दरिया मुठ्ठी बाँधी। जग में यूँ हि राह चलूं, विश्वास समय के साथ चलूं, पर समय का पहिया आगे काफी, न पाऊँ दिन रात चलूँ, मैं भूल…