#13-ऐ प्रकृति मैं तुझे संभालूं
ऐ प्रकृति मैं तुझे संभालूं। हरियाली मैं तुझे संजोऊँ। पीढी दर पीढी घटती जाए, मूढ कहे तू काम न आए, वो अज्ञानी तुझे मिटाए, अकेला समझाऊँ समझ न आए, मत बिसरो ऐ दुनिया, यही हरियाली प्राण बचाए। काट-काट हरियाली इस जग में, मत पहुंचाओ प्रकृति नुकशान, सब एक साथ मिलकर यह बोलो, हाँथ बढाऊँ तुझे […]
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