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Tag: hindi poems

#8-स्वार्थ

घात लगाए बैठा है, इससे तू बच के रहना,
हावी हो जाएगा तुझ पर, किसी धोखे में तू न रहना,
सचेत किए देता हूँ अभी से, फिर किसी से न कहना,
घात लगाए बैठा है, इससे तू बच के रहना।

इससे तू बच के रहना, तुझ पर हावी हो जाएगा,
दब जाेगा नीचे तू, कुछ नहीं कर पाएगा,
तू दुनिया में कुछ भी करना, पर न करना स्वारथ,

सबसे चूकना पर न चूकना, करनें से परस्वारथ,
मुख से विष न निकले तेरे, बन्द न हो अमृत बहना,
घात लगाए बैठा है, स्वारथ से तू बच के रहना।


–>सम्पूर्ण कविता सूची<–


(Selfishness)

स्वार्थ हिंदी कविता

इस कविता के माध्यम से एक जीवन्त उदाहरण पेश करनें की कोशिश की गयी है। जिन्दगी की स्वार्थ जिस प्रकार से एक रुकावट की तरह कार्य करता है उससे निपटने के लिए निःस्वार्थ भाव से आशक्तों की मदद करना ही परम सेवा धर्म होता है। श्रीकृष्ण भगवान नें भी गीता में कहा है कि व्यक्ति को निःस्वार्थ भाव से अपने कर्म को करना चाहिए कभी भी फल की इच्छा से किया गया कार्य निःस्वार्थ भाव का नहीं हो सकता है।

Hindi Poem on selfishness

Poem on selfishness in hindi

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Bakhani hindi kavita मेरे दिल की आवाज मेरी कलम

Hindi Kavita on selfishness

Kavita on selfishness in hindi

#bakhani
#hindi poems

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#7- अरमान

हम तो तनहा दूर ही थे तुमसे,
बस दिल में पास आने के अरमान जागे तो थे,
रह गए इतने पीछे हम वक़्त,
बेवक़्त  कदम मिलाने को भागे तो थे।
बिछड़ जाने के डर नें जकड रखा था,
डर से निकलनें को यूँ क्या करता अकेला,
जीत दिल के डर को भांप कर,
समन्दर के उथले किनारों को झांके तो थे।
समन्दर की लहरों में ताकत वो थी,
जीतनें को उस डर से भीगे तो थे।
राहों में यूँ बढ़ कर पीछे रह गए,
दिल में अरमान संग चलनें के थे,
कोशते हैं खुद को हम पीछे,
तुम बस थोडा आगे तो थे।
हम तो तनहा दूर ही थे तुमसे,
बस दिल में पास आनें के अरमान जागे तो थे।

#bakhani
#hindi poems

 


<<–#6 क्या मुझे हक नहीं ?

सम्पूर्ण कविता सूची

#8 स्वार्थ ->>


Explanation of the poem on desire

This hindi kavita on desire express the thoughts to stay and move with partner while he or she is just a step ahead.

 

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(Desires)

Poem on Desire in Hindi

poem on desire in hindi or Armaan is a poem expressing the thoughts. अरमान दिल की तमन्ना को व्यक्त करती एक हिन्दी कविता है –
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#5-विज्ञान – एक अभिशाप

दुनिया में रहनें वालों ने,
मौत की सेज सजाई,

प्रतिदिन यह सेज सुन लो,
लेती है अंगड़ाई।

प्रति छण प्रति मानव,
करे मौत से लड़ाई,

दुनिया में रहनें वालों नें,
मौत की सेज सजाई।

एक तरफ इस सेज में सुनलो,
मानव करे आराम,

पर पल आता है ऐसा,
सब हो जाए हराम,

सभी जानते हैं इसे,
यह नहीं है गुमनाम,

विज्ञान नाम है इसका,
मानव दिमाग है लाई ,

दुनिया में रहनें वालों नें,
मौत की सेज सजाई।

 

 


<<- #4 क्या हम आजाद हैं

सम्पूर्ण कविता सूची

#6 क्या मुझे हक नहीं ->>


Poem on science on youtube

https://youtu.be/0pYkdvSioBQ

 

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Explanation of Poem on science

This hindi kavita, explains the science as a helpful and also a harmful object to the word in the sense of use. Science in real life is used science awaking to sleeping and also after sleeping. In each and every moment of life, we all always depends on science for any movement. We take science as a cup of tea of coffee. Without science we do not think our life. We always dependent to the science.

#bakhani
#hindi poems on science

#hindi poems

(Poem on Science: A Curse)

This is a Hindi poem on science a curse. विज्ञान एक अभिशाप पर हिन्दी कविता . How invention of science are working as curse for human.

Poem on science as a curse-

11 Comments

#1–मा

Maa मा बोले बेटे से :-


उठ बेटा दुनिया देख,
दुनिया देख रही तुझको,

मत जा ज्यादा दूर मा से,
ममता कह रही तुझको ।


बात-बात मे गुस्सा करके,
बेटा युं तेवर दिखलाये,

ममता से यू ओत-प्रोत मां,
ममता के जेवर पहनाये ।


चंद पंक्ती की तालीम पा कर,
बेटे माओ को ठुकाराये,

मा तो वह ही जो सबसे पहले,
उंगली थाम चलना सिखलाये ।


प्रथम पाठशाला की शिक्षा,
बेटे यू ही भूल जाये,

पर मा है वह एक जो,
कदम-कदम पर थमना सिखालये ।


याद करो बचपन ऐ बेटो,
मा के आन्चल मे छुप जाते,

करी शरारत या फिर गलती,
तोतली बानी मा को बतलाते ।


ममता की आन्चल से ढक कर,
मा यू  ही दुनिया से लड जाती,

दुनिय मे काले साये से बचने को,
जन्म से काला टीका लगाति ।


आज के बेटे दुनिय की चका- चौन्ध मे,
मा से यू हि लड जाते,

फिर थोडा सा झटका लगने से,
यू ठोकर खा कर गिर जाते ।


तब भी मा बेटे से यह ही कहती है :-


उठ बेटा दुनिय देख,
दुनिया देख रही तुझको,

मत जा ज्यादा दूर मा से,
ममता कह रही तुझको ।

 


#2 मन अशान्त पक्षी का कलरव–>>

सम्पूर्ण कविता सूची


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– A hindi poem on mother

– A hindi Kavita on Mother

Hindi Kavita on mother and son

Hindi poem on mother and son

This hindi poem on mother shows love poems in hindi and motherhood for her child all and every time. A mother is in heart always. So Read bellow the hindi poem on mother expressing the thoughts about her son.

 

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