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poem on hindustan

#49 ऐसा अपना हिन्दुस्तान

फन फैलाए खडा पाक है,ड्रैगन लेवै ऊंची उडान,बाहर भीतर से फैला डर,फिर भी ऊंचा सर देखो शान,पक्ष विपक्ष हाहाकार हरदम,हर नेक काज के बुरे बखान,मार पडे चाहे चोंट पडे,न दिखे चिन्ता का कोई निशान,प्रगति पथ पर काबिज है,ऐसा अपना हिन्दुस्तान। बापू चाचा आजाद गुरू,सब मिल बनाया देश महान,देश के जुुगाड से देखो,नहीं रहा है विश्व […]

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poem on anger

#38-तो गुस्सा आता है

बडी बडी बातें करनें वालों की बात आगर करता हूँ,तो गुस्सा आता है। देश का किसान हर पल झूल रहा है,जवान शरहद पर जूझ रहा है,इत भीतर बैठ गर कोई अफशोष जताता है,तो गुस्सा आता है। देश का बेटा देश की बेटी देश की शान सब दांव लगा,देश का सीना चीर जूझे किसान सब दांव

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