#54 दिल्ली दंगा

#54 दिल्ली दंगा

  • Mar 12, 2020

काश्मीर से हटी क्या धारा तीन सौ सत्तर, भडकाकर लोगों को दिल्ली पर बरसा दिया पत्थर, जमाना बेबाक निष्ठुर ढंग से देखता रह गया, और जमाने ने जमाने को आइना दिखला दिया । घरौंदे जब आइने के बने होते हैं, शदियों से तहजीब जब कंधे ढोते हैं, संभल कर पग रखना होता है घर से […]

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#38-तो गुस्सा आता है

बडी बडी बातें करनें वालों की बात आगर करता हूँ,तो गुस्सा आता है। देश का किसान हर पल झूल रहा है,जवान शरहद पर जूझ रहा है,इत भीतर बैठ गर कोई अफशोष जताता है,तो गुस्सा आता है। देश का बेटा देश की बेटी देश की शान सब दांव लगा,देश का सीना चीर जूझे किसान सब दांव […]

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#16-गुण्डागर्दी की तमन्ना

गुण्डागर्दी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, मारना बस मारना है, खर्चा उनके बिल में है। वो पैसे देंगे हम मारेंगे, नहीं रुकेंगे हाँथ हमारे, नाम होगा देश में तब, खर्चा देंगे वो सारे। बीरप्पन जैसे अनेक, जो नेताओं को तारें, लालच बस ये होते हैं, उनके किस्मत के तारे। देश में आतंक मचाना, […]

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