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Tag: poems on mother

#1–मा

Maa मा बोले बेटे से :-


उठ बेटा दुनिया देख,
दुनिया देख रही तुझको,

मत जा ज्यादा दूर मा से,
ममता कह रही तुझको ।


बात-बात मे गुस्सा करके,
बेटा युं तेवर दिखलाये,

ममता से यू ओत-प्रोत मां,
ममता के जेवर पहनाये ।


चंद पंक्ती की तालीम पा कर,
बेटे माओ को ठुकाराये,

मा तो वह ही जो सबसे पहले,
उंगली थाम चलना सिखलाये ।


प्रथम पाठशाला की शिक्षा,
बेटे यू ही भूल जाये,

पर मा है वह एक जो,
कदम-कदम पर थमना सिखालये ।


याद करो बचपन ऐ बेटो,
मा के आन्चल मे छुप जाते,

करी शरारत या फिर गलती,
तोतली बानी मा को बतलाते ।


ममता की आन्चल से ढक कर,
मा यू  ही दुनिया से लड जाती,

दुनिय मे काले साये से बचने को,
जन्म से काला टीका लगाति ।


आज के बेटे दुनिय की चका- चौन्ध मे,
मा से यू हि लड जाते,

फिर थोडा सा झटका लगने से,
यू ठोकर खा कर गिर जाते ।


तब भी मा बेटे से यह ही कहती है :-


उठ बेटा दुनिय देख,
दुनिया देख रही तुझको,

मत जा ज्यादा दूर मा से,
ममता कह रही तुझको ।

 


#2 मन अशान्त पक्षी का कलरव–>>

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