hindi poem on corona

hindi poem on corona

#60 कोरोना से क्या सीखे हम ?

जब से जग में कोरोना महामारी आई, सारे जग में खूब तबाही मचाई, जन जन त्रस्त घरों में कैद, कोरोना वारियर्स लडने को मुस्तैद, हर हाल जन जन लड रहा है, रह दूर अपने नित्य जीवन से, अपने घरों में रह रहा है । सल्यूट कोरोना वारियर्स को, तज घर परिवार ड्यूटी अपनी कर रहे […]

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Hindi Poem on corona palayan in india

#58 पलायन

पलायन आशियाना संभालनें, आशियाना छोंड कर निकले, फैली महामारी ऐसी कि, आशियाने की ओर निकले । जिस विज्ञान का गुरूथ था, मेहनत का शुरूर था, व्यवस्था हो गई ऐसी, कि सब नंगे पैर निकले । दो वक्त की रोटी व्यवस्थित, थे व्यवस्थित दिन कार्य, पर हालात ऐसे बन गए, कि अब भूखे पेट निकले ।

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