#57 एहसास
लफ्जों का दौर बीत गया, रह गया एहसास, छोंड भविष्य की अविरल चिन्ता, और करिये इक एहसास । बिना धूल की धूप का, बिन पहिए की रोड का, बिना आफिस…
0 Comments
March 30, 2020
लफ्जों का दौर बीत गया, रह गया एहसास, छोंड भविष्य की अविरल चिन्ता, और करिये इक एहसास । बिना धूल की धूप का, बिन पहिए की रोड का, बिना आफिस…