ashant pakshi

#2-मन अशांत पक्षी का कलरव।

Mind मन अशांत पक्षी का कलरव। पतझड़ फैला फूला शेमल, हलचल फैली फुदक गिलहरी, कोयल कूके गीत सुहाना, देख अचंभित प्रकृति का रव , मन अशांत पक्षी का कलरव। फूल सुशोभित भांति वृक्ष में, मृदु सुगंध फैली चौतरफा, खुले तले इस नील गगन के, भ्रमर भटक पर पाए न रव, मन अशांत पक्षी का कलरव। […]

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