poem on hindustan
hindustan india bharat

#25-ARE WE INDEPENDENT?

CONTENT MISSING 

UPLOAD PROCESS WILL BE COMPLETED SOON

देश हुआ आजाद हुए अब हो गए हैं दिन इतने,

जो सच पूछो दिल से बोलो आजाद रहे हम दिन कितने

……..

Total Page Visits: 1027 - Today Page Visits: 1

Leave a Reply

jk namdeo

मैं समझ से परे। एकान्त वासी, अनुरागी, ऐकाकी जीवन, जिज्ञासी, मैं समझ से परे। दूजों संग संकोची, पर विश्वासी, कटु वचन संग, मृदुभाषी, मैं समझ से परे। भोगी विलासी, इक सन्यासी, परहित की रखता, इक मंसा सी मैं समझ से परे।