#46 पुष्प और मोहब्बत
- Oct 11, 2019
पुष्प पर बेरहमी दिखा कर, चल दिये इश्क का इजहार करने, कम्बख्त इश्क बरकरार रखने को, चल दिये पु्ष्प बेकार करनें । क्या कभी तूनें कहीं पर, बेरहमी से प्यार पाया है, पुष्प पर बेरहमी दिखा कर, क्यों किसी से प्यार जताया है। जो पुष्प सी नाजुक प्रकृति पर, यूंँ बेरहमी दिखाएगा, सोंच कैसे लिया […]
Read More#45-आओ चलें प्रकृति की ओर
- Sep 22, 2019
आओ चलें प्रकृति की ओर।करें दोस्ती इस प्रकृति से, बनें सुदृढ और बनें निरोग,शील बन्द और प्लास्टिक बोतल, करना बंद करें प्रयोग,देह हमारी खुद ही सक्षम, लड लेगी उन रोगों से नित,औषधि रसायन खाद्य रसायन पेय रसायन से दूरी बन,प्रकृति सुहानी राह निहारे, बन सक्षम पकडें वह डोर,आओ चलें प्रकृति की ओर। प्रकृति हमारी राह […]
Read More#44-हिन्दी में भी जीवन दिखता है
- Sep 14, 2019
वर्तमान जो मैं अगर देखूँ ,तो हिंदी में भी जीवन दिखता है,भविष्य को सोचता हुँ जानो,पश्चिम का आगम दिखता है,यूँ दिखती है हिंदी गर्त में आगे,बहन भी इससे ऊँची दिखती,राजनीतिक स्तर अब तय कर रहा,देख हिंदी सुबकती-सुसकती,झांक कर देखो अपना भूत ऐ दोस्तों,भाषा विकास क्रम दिखता है,जाने किस दिशा में यूँ विकास क्रम चल रहा,निश्चित उज्जवल भविष्य में अंधकार दिखता है,वर्तमान जो मैं अगर […]
Read More#43-कानून और मजबूरी
- Sep 12, 2019
भाई गड्ढे से बाहर बाद में आना। पहले बिना हेलमेट गाडी, चलाने का चुकाओ जुर्माना,सडक में हैं ढेर गड्ढे, तो भला हम क्या करें,जुर्माने से बचनें का कोई, नहीं चलेगा कोई बहाना । सडक निर्माण कार्य नहीं, हमारे अधीन फिर भी,बदहाल सडक की बात, बाद में सरकार को बताना । सुननें का नहीं अधिकार, हमें […]
Read More#42-हैलो!
- Sep 10, 2019
हैलो हैलो कह कर के,दुनिया में सबसे पिछे थे,अब बोलो बोलो कह कर के, दुनिया को पीछे छोड रहे ।बन बुधिया कभी मिल्खा, कभी सचिन रिकार्ड तोड रहे,कभी बन कर के देश भक्त, देश द्रोही को हम फोड रहे । जय माहिस्मति जय माहिस्मती हर ओर अब हम बोल रहै,महिन्दर और अमरिन्दर भल्लाल से आगे […]
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