पुलिस वह है जो हर जरूरत मंद के साथ खडी है
परिस्थिति चाहे जैसी भी हो अपनी बात पे अडी है,
बडे से बडा अधिकारी हो या छोटा कर्मचारी,
खुद की आवश्यकताओं को तज है सिर्फ आज्ञाकारी,
हर विषम परिस्थिति जिसमे मानी हो सबने हार,
समाज मे दरिंदगी या गंदगी हर स्थिति में लडी है,
पुलिस वह है जो हर जरूरतमंद के साथ खडी है।
बेदाग से इस पुलिस के चेहरे पे लगे है दाग कभी,
सारी कुर्बानियो को भुला उस दाग के पीछे पड जाते हैं सभी,
क्यो भूल जाते है सब पुलिस वाला भी देश का नागरिक है,
शारीरिक और मानसिक आराम उसका भी हक है,
पर अपने आराम को तज हर पल तत्पर बात छोटी या बडी है,
पुलिस वह है जो हर जरूरतमंद के साथ खडी है।
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Bakhani, मेरे दिल की आवाज – मेरी कलम collection of Hindi Kavita
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Kavita on Police in hindi
देश व समाज में पुलिस को लेकर सामाजिक प्रतिद्वन्द्वता हमेसा ही नजर आती रहती है। इस समाज में सर्वाधिक आलोचना को सहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने वाली पुलिस देश व समाज की सेवा के लिए हर समय तत्पर रहती है। ऐसे में पुलिस की आलोचना करने वालों को इस कविता को पढना जरूरी है। समाज की सुरक्षा व सेवा के लिए अपना घर परिवार यहाँ तक कि अपना आराम तज कर भी पुलिस अपने कर्तव्य पथ पर काविज रहने वाली एक जटिल सेवा है। यदि सम्भव हो देश के हर नवयुवक को देश की सेवा व सुरक्षा हेतु एक नियत समय के लिए वर्दी पहनने का अवसर मिलना चाहिए इससे देश के प्रति जज्वा भी बढेगा व देश की सेवा करने वालों के प्रति सम्मान भी ।
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