#22-ओ माँ
CONTENT MISSING SOME PROBLEM OCCUR WITH THIS PAGE COME BACK LATER….. तुझे मेरी हर पल जो चिन्ता रहती है, आंखो के नीचे की सुर्ख झुर्रियां कुछ कहती हैं, इक शान्त निश्छल आश की धारा बहती है, क्या मैं कर दूँ कुछ मुझे आता नहीं, ओ माँ।……
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