#11-एक तरकीब

#11-एक तरकीब

  • Mar 07, 2017

मोड कितने आते हैं राह में, हैं कितनें चौराहे, हर जगह संभलना सीखें, न जाएं जिधर मन चाहे। राह चुनने की सीखो तरकीब, है यह बडी अजीब, साधो उडती भावनाओं को, है आसान तरकीब। राह जो दिखे आसान, यूँ ही न चल दो उस पर, सोंचो आने वाली दिक्कत को, हो जाओगे उस पार, काम करो […]

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#10-शरद बखानी

#10-शरद बखानी

  • Mar 07, 2017

पानी सरपत से सरकत जाए रे। ठंडी हवा का झोंका रोंवा कंपकंपाए रे, पानी सरपत से सरकत जाए रे। दूर तलक देखो कोई आश नहींं है, सूखा सा पडा है कोई घास नहीं है, मन से मैं बोलूं तो विश्वास नहीं है, शरद की ये वारिस से मन थिरकत जाए रे, पानी सरपत से सरकत […]

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#9-खयाली पुलाव

#9-खयाली पुलाव

  • Mar 07, 2017

खयाली पुलाव तो ऐसे पकते, जैसे बीरवल की खिचडी, मन में आई बात जो ठहरी, साफ दिखे हो खुली सी खिडकी। मन के उस एक झरोंखे से, निकले वो किरणें एक-एक कर, दिखे दिमाग पटल पर ऐसे, जैसे पर्दे पर प्रोजेक्टर। कहीं पुरानी याद हो ताजा, कई नए विचार भी आएं, कभी-कभी तो आए गुस्सा, […]

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#8-स्वार्थ

#8-स्वार्थ

  • Mar 07, 2017

घात लगाए बैठा है, इससे तू बच के रहना, हावी हो जाएगा तुझ पर, किसी धोखे में तू न रहना, सचेत किए देता हूँ अभी से, फिर किसी से न कहना, घात लगाए बैठा है, इससे तू बच के रहना। इससे तू बच के रहना, तुझ पर हावी हो जाएगा, दब जाेगा नीचे तू, कुछ […]

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#7- अरमान

#7- अरमान

  • Mar 07, 2017

हम तो तनहा दूर ही थे तुमसे, बस दिल में पास आने के अरमान जागे तो थे, रह गए इतने पीछे हम वक़्त, बेवक़्त  कदम मिलाने को भागे तो थे। बिछड़ जाने के डर नें जकड रखा था, डर से निकलनें को यूँ क्या करता अकेला, जीत दिल के डर को भांप कर, समन्दर के […]

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